मधुग्राम योजना उत्तराखंड | Madhugram Scheme Uttarakhand
मधुग्राम योजना
उत्तराखंड सरकार ने राज्य के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से मौन पालन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत पूरे राज्य में शहद उत्पादन इकाइयां स्थापित की जानी हैं। यह योजना उत्तराखंड राज्य बागवानी मिशन के अन्तर्गत संचालित की जा रही है। मौन पालन उत्तराखंड के तहत मधुमक्खी पालन से शहद उत्पादन करने वाले युवाओं को राज्य सरकार 80% तक की सब्सिडी प्रदान करेगी।
Madhugram Scheme Uttarakhand |
मौन पालन योजना उत्तराखंड के तहत उत्तराखण्ड सरकार विभिन्न जिलों में पंचायत स्तर पर मधु ग्रामों का निर्माण करेगी। चूंकि यह योजना मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में शहद उत्पादन के लिए बनाई गई है। इसलिए इस योजना को मधु ग्राम योजना या मधु विकास योजना के नाम से भी जाना जाता है।
मौन पालन योजना उत्तराखंड सरकार की एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के तहत उत्तराखंड के 13 जिलों में मधु ग्राम स्थापित करने के लिए ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है।
इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार की मंशा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराकर शहरों की ओर पलायन की दर को कम करना है। इसके साथ ही प्रदेश को शहद उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है।
उत्तराखंड राज्य में वर्तमान में लगभग 7 हजार किसान मौन पालन कर रहे हैं, जो प्रदेश में लगभग 2200 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन कर रहे हैं।
यह योजना अधिक से अधिक बेरोजगार युवाओं को मधुमक्खी पालन से जोड़ेगी और शहद उत्पादन बढ़ाएगी। इस योजना को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार मौन पालकों को 80 प्रतिशत तक सब्सिडी देने जा रही है ताकि अधिक से अधिक किसानों तथा बेरोजगार युवाओं को इस योजना से जोड़ा जा सके।
मौन पालन योजना के अन्तर्गत मौन पालकों को फ़ायदे
- मौन पालन हेतु 350 रुपये प्रति पेटी की सहायता।
- मौन बॉक्स मौन कालोनियों के वितरण में देय सहायता राशि का 50%।
- मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण के तहत मधुमक्खी पालकों को 100% वित्तीय सहायता।
- मधु ग्राम योजना उत्तराखंड के अंतर्गत 80% तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
- इस योजना के तहत प्रति लाभार्थी अधिकतम 4 मौन बक्से दिए जाएंगे।
- 10 मौन हाउस वंशजों को 800 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से प्रदान किया जाएगा।
- उत्तराखंड मधुमक्खी पालन के लिए 7 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- मौन पालन में प्रशिक्षण पर 100 प्रतिशत आर्थिक सहायता दी जायेगी।
- इस योजना के तहत प्रशिक्षण पर कुल व्यय 1050 रुपये प्रति प्रशिक्षु होगा।
मौन पालन योजना हेतु पात्रता
- 18 से 55 वर्ष की आयु के आवेदक आवेदन करने के लिए पात्र हैं।
- एक परिवार से एक ही व्यक्ति आवेदन करने के लिए पात्र है।
- केवीआईसी/नाबार्ड/केवीके और अन्य अनुमोदित प्रशिक्षण केंद्रों द्वारा मधुमक्खी पालन गतिविधि में पहले से प्रशिक्षित आवेदक आवेदन करने के लिए पात्र हैं।
- मधुमक्खी पालन से जुड़े वे सभी किसान जिनके पास अपनी जमीन है या जिनके पास पंजीकृत पट्टे की जमीन है, इस सब्सिडी के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।
मौन पालन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
मौन पालन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन व ऑनलाईन दोनों माध्यम से कर सकते हैं।
मौन पालन योजना हेतु आवेदन पत्र डाउनलोड करें .
मौन पालन योजना में आफलाईन आवेदन करने के लिए आपको आवेदन पत्र में आवश्यक विवरण भरना होगा तथा आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें। इस फार्म को अपने जिले के जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में जमा करा दें जहां से आपके आवेदन पर आगे की कार्यवाही पूर्ण की जायेगी।
मौन पालन योजना हेतु आवश्यक दस्तावेज़
- आवेदन फार्म
- आवेदक का निवास प्रमाण (राशन कार्ड / पासपोर्ट / टेलीफोन बिल / बैंक पासबुक / आधार कार्ड)
- आवेदक का पहचान प्रमाण (मतदाता पहचान पत्र / पासपोर्ट / आधार कार्ड / ड्राइविंग लाइसेंस)
- भूमि स्वामित्व का दस्तावेज़ प्रमाण
- परियोजना रिपोर्ट (अगली तीन तिमाहियों के लिए व्यय और आय दर्शाने वाली आय के पूर्वानुमान के साथ)
- आवेदक के खाते के विवरण के साथ बैंक पासबुक की प्रति
- पैन कार्ड
- लघु एवं सीमांत किसान प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- स्व घोषणा
- आधार कार्ड
उत्तराखण्ड मौन पालन योजना से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तराखंड में मौन पालन/मधुग्राम योजना को क्यों बढ़ावा दिया गया है?
उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है। यहां वर्ष भर फूल लगे रहते हैं, इसलिए अच्छी गुणवत्ता वाला शहद पैदा होने की पूरी संभावना है जिस कारण राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड में मौन पालन को बढावा देने के उद्देश्य से इस योजना को प्रारम्भ किया है।
क्या उत्तराखंड के शहद की मांग अन्य राज्यों में है?
जी हां, उत्तराखंड के शहद की मांग देश के अन्य राज्यों में काफी है, क्योंकि यहां उत्पादित होने वाला शहद काफी उच्च गुणवत्ता का होता है।
मधुमक्खी के एक डिब्बे से कितना शहद प्राप्त होता है?
मधुमक्खी के एक डिब्बे से लगभग 22 किलो शहद आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
उत्तराखण्ड मौन पालन योजना के अंतर्गत क्या-क्या लाभ दिया जाता है?
उत्तराखण्ड मौन पालन योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षणार्थी को प्रशिक्षण के साथ वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी।
उत्तराखण्ड मौन पालन योजना के लिए आवेदक की आयु क्या होनी चाहिए?
उत्तराखण्ड मौन पालन योजना के लिए आवेदक की आयु 18 से 55 वर्ष के मध्य होनी चाहिए।
उत्तराखण्ड मौन पालन योजना के अन्तर्गत एक परिवार से कितने व्यक्तियों को लाभ मिल सकता है?
नहीं, एक परिवार से एक ही व्यक्ति आवेदन करने के लिए पात्र है।
उत्तराखण्ड मौन पालन योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
1. आवेदन पत्र डाउनलोड करें 2. आवश्यक विवरण भरें 3. आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें 4. इसे जिला उद्यान कार्यालय में जमा करें
उत्तराखण्ड मौन पालन योजना का आवेदन पत्र कैसे डाउनलोड करें?
नीचे दिए गए लिंक से आवेदन पत्र डाउनलोड करें। यूआरएल: https://shm.uk.gov.in/files/Application%20Forms/06_Pollination_support_throw_beekeeping.pdf
क्या उत्तराखण्ड मौन पालन योजना के लिए अन्य राज्य के व्यक्ति को योजना का लाभ मिल सकता है?
नहीं, उत्तराखण्ड मौन पालन योजना के लिए अन्य राज्य के व्यक्ति को योजना का लाभ नहीं मिल सकता है।
उत्तराखण्ड मौन पालन योजना में निवास प्रमाण के लिए कौन से दस्तावेज़ प्रयोग कर सकते हैं।
राशन कार्ड/पासपोर्ट/टेलीफोन बिल/बैंक पासबुक/आधार कार्ड।
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